भारत - कतर संबंध 2 नवंबर, 2023 का अपडेट

  • Posted on: 2 November 2023
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भारत और कतर के बीच संबंध लंबे समय से मजबूत रहे हैं। दोनों देश एक-दूसरे के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक और राजनीतिक भागीदार हैं।

राजनीतिक संबंध

भारत और कतर के बीच राजनयिक संबंध 1973 में स्थापित हुए थे। दोनों देश संयुक्त राष्ट्र, गैर-सशस्त्रीकरण परिषद और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सहयोग करते हैं।

आर्थिक संबंध

भारत और कतर के बीच व्यापार और निवेश संबंध मजबूत हैं। भारत कतर का चौथा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है, और कतर भारत का 12वां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है।

2022-23 में, भारत और कतर के बीच व्यापार का मूल्य 10.5 अरब डॉलर था। भारत कतर को मुख्य रूप से कृषि उत्पाद, इंजीनियरिंग सामान और दवाएं निर्यात करता है, जबकि कतर भारत को मुख्य रूप से प्राकृतिक गैस, तेल और प्लास्टिक निर्यात करता है।

भारत और कतर के बीच निवेश संबंध भी मजबूत हैं। भारत कतर में कई परियोजनाओं में निवेश कर रहा है, जिसमें बुनियादी ढांचा, ऊर्जा और सेवा क्षेत्र शामिल हैं।

सांस्कृतिक संबंध

भारत और कतर के बीच सांस्कृतिक संबंध भी मजबूत हैं। दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही बढ़ रही है, और दोनों देशों में भारतीय और कतर संस्कृतियों के बारे में जागरूकता बढ़ रही है।

2 नवंबर, 2023 को, भारत और कतर के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता दोनों देशों के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

भविष्य के दृष्टिकोण

भारत और कतर के बीच संबंध मजबूत और बढ़ते रहने की संभावना है। दोनों देश एक-दूसरे के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक और राजनीतिक भागीदार हैं, और वे दोनों ही क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर एक मजबूत उपस्थिति रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

राजनीतिक संबंध: भारत और कतर के बीच राजनयिक संबंध 1973 में स्थापित हुए थे। दोनों देश संयुक्त राष्ट्र, गैर-सशस्त्रीकरण परिषद और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सहयोग करते हैं।

आर्थिक संबंध: भारत और कतर के बीच व्यापार और निवेश संबंध मजबूत हैं। भारत कतर का चौथा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है, और कतर भारत का 12वां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है।

सांस्कृतिक संबंध: भारत और कतर के बीच सांस्कृतिक संबंध भी मजबूत हैं। दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही बढ़ रही है, और दोनों देशों में भारतीय और कतर संस्कृतियों के बारे में जागरूकता बढ़ रही है।