मोहम्मद हामिद अंसारी

  • Posted on: 20 April 2023
  • By: admin

भारत के बारहवें उपराष्ट्रपति 

पद बहाल - 11 अगस्त 2007 – 11 अगस्त 2017

राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, प्रणब मुखर्जी, राम नाथ कोविन्द 

पूर्वा धिकारी भैरोंसिंह शेखावत 

उत्तरा धिकारी वेंकैया नायडू 

जन्म 1 अप्रैल 1937 (आयु 86) 

कलकत्ता, ब्रिटिश भारत (अब कोलकाता) 

राष्ट्रीयता भारतीय 

राजनीतिक दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 

अन्य राजनीतिक 

संबद्धताऐं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन 

जीवन संगी सलमा अंसारी 

बच्चे 1 पुत्री 

2 पुत्र 

शैक्षिक सम्बद्धता कलकत्ता विश्वविद्यालय 

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय 

प्रारंभिक जीवन

श्री अंसारी का जन्म पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में 1 अप्रैल 1937 को हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा सेंट एडवर्डस हाई-स्कूल शिमला सेंट जेवियर्स महाविद्यालय कोलकाता और अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हुई।

श्री अंसारी ने अपने कैरियर की शुरुआत भारतीय विदेश सेवा के एक नौकरशाह के रूप में 1961 में की थी जब उन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत का स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था। वे आस्ट्रेलिया में भारत के उच्चायुक्त भी रहे। बाद में उन्होंने अफगानिस्तान संयुक्त अरब अमीरात तथा ईरान में भारत के राजदूत के तौर पर भी काम किय। 1984 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। वे मई सन 2000 से मार्च 2004 तक अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उपकुलपति भी रहे। उन्हें  गुजरत दंगों के पीड़ितों को मुआवजा दिलाने और सदभाव्ना के लिए उनकी भूमिका के लिए भी सराहा जाता है।

2007 के उपराष्ट्रपति चुनाव

2007 के उपराष्ट्रपति चुनाव में मोहम्मद हामिद अंसारी को जीत हासिल हुई। 2012 में उनके कार्यकाल को पाँच साल के बढ़ा दिया गया। 2017 के अगस्त माह की 10 तारीख को उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है तथा यह दायित्व के लिए उनकी जगह श्री मान एम. वेंकैया नायडू संभालें.

विदेश सेवा करियर

1961 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल होकर अंसारी ने बाद में बगदाद रबात, ब्रुसेल्स और जेद्दा में भारतीय मिशनों में सेवा की। 1976 से 1980 तक उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय राजदूत के रूप में कार्य किया। इंडियन बिजनेस एंड प्रोफेशनल्स ग्रुप के अध्यक्ष मोहन जशनमल ने कहा कि "अंसारी ने महामहिम शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान से भारतीय स्कूल के लिए भूमि प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी"। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया (1985-1989), अफगानिस्तान (1989-1990), ईरान (1990-1992), सऊदी अरब (1995-1999) में भारतीय राजदूत के रूप में भी काम किया है।

उन्होंने 1993 से 1995 तक संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में भी काम किया। उनके डिप्टी टीपी श्रीनिवासन ने लिखा है कि अंसारी के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में कार्यकाल के दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन के पाकिस्तान के आरोपों का खंडन किया "सींग और जब भी आवश्यक हो उसे अपने अधीन कर लिया"। उन्होंने यह भी लिखा कि अंसारी को इस पद के लिए ऐसे समय में नियुक्त किया गया जब "शीत युद्ध की समाप्ति के बाद पाकिस्तान कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय ध्यान के केंद्र में लाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गया" भारत की धर्मनिरपेक्ष साख को दर्शाता है।

शैक्षणिक कार्य 

1999 से 2000 तक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पश्चिम एशियाई और अफ्रीकी अध्ययन विभाग के अतिथि प्रोफेसर के रूप में कार्य करने के बाद अंसारी को 23 मई 2000 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया था। 2002 में पद छोड़ने के बाद उन्होंने 2003 से 2005 तक जामिया मिल्लिया इस्लामिया के तीसरे विश्व अध्ययन विभाग के अकादमी के विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में कार्य किया।

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