उमाशंकर दीक्षित
उमाशंकर दीक्षित
भारत के गृह मंत्री
कार्यकाल - 4 फरवरी 1973 – 10 अक्तूबर 1974
प्रधान मंत्री इन्दिरा गाँधी
पूर्व अधिकारी इन्दिरा गाँधी
उत्तराधिकारी केसू ब्रह्मानन्दा रेड्डी
कर्नाटक के राज्यपाल
कार्यकाल - 10 जनवरी 1975 – 02 अगस्त 1977
पूर्व अधिकारी मोहनलाल सुखाड़िया
उत्तराधिकारी गोविन्द नारायण
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल
कार्यकाल - 1 अक्तूबर 1984 – 12 अगस्त 1986
पूर्व अधिकारी सतीश चन्द्र
उत्तराधिकारी सैयद नुरूल हसन
जन्म 12 जनवरी 1901 (आयु 122)
उन्नाव, उत्तर प्रदेश, भारत
राजनैतिक पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
संतान 1 पुत्र
विद्या अर्जन क्रिस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर
उमाशंकर दीक्षित जी का जन्म 12 जनवरी 1901 ई. को उन्नाव उत्तर प्रदेश मे हुआ था इनके पिता का नाम राम सरूप तथा माता का नाम शिव प्यारी देवी था। इनके एकमात्र पुत्र का नाम विनोद दीक्षित था। इन्होंने स्वतंत्रता सेनानी के रूप मे 'असहयोग आन्दोलन' में भाग लिया। गणेश शंकर विद्यार्थी के सहयोगी थे। इनके जीवन पर स्वामी विवेकानन्द, रामतीर्थ और गांधीजी के विचारों का गहरा प्रभाव था। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन' के पुरोधा एवं मानवता के पुजारी और राष्ट्रवाद के अग्रदूत थे। उन्होंने भारत में उन्नाव के नाम का गौरव बढ़ाया। उमाशंकर दीक्षित ने केंद्रीय गृहमंत्री व राज्यपाल जैसे महत्त्वपूर्ण पदों पर रहकर स्वयं के हित लाभ को त्याग कर राष्ट्र की सच्ची सेवा की और उसके लिए सदैव समर्पित रहे। तमाम व्यस्तता के बाद भी वे लोगों से परिवार की तरह मिलते थे। वे कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे थे।
जन्म तथा शिक्षा
स्वतंत्रता सेनानी उमाशंकर दीक्षित का जन्म 12 जनवरी 1901 ई. को उन्नाव ज़िला उत्तर प्रदेश में हुआ था। इनके पिता का नाम राम सरूप और माता का नाम शिव प्यारी था। अपनी प्रारम्भिक शिक्षा पूर्ण करने के बाद उमाशंकर दीक्षित ने उच्च शिक्षा 'क्रिस्ट चर्च कॉलेज', कानपुर से प्राप्त की थी।
परिवार
उमाशंकर दीक्षित के पुत्र विनोद दीक्षित 'भारतीय प्रशासनिक सेवा' (आईएएस) के सदस्य थे और उनका विवाह शीला दीक्षित से हुआ था जो दिल्ली की मुख्यमंत्री रही हैं। उमाशंकर दीक्षित के पौत्र संदीप दीक्षित पूर्वी दिल्ली से संसद में कांग्रेस के सदस्य रह चुके हैं।
स्वतंत्रता सेनानी
जब उमाशंकर दीक्षित बी.ए. प्रथम वर्ष के छात्र थे तभी 'असहयोग आन्दोलन' में सम्मिलित हो गए थे। वे गणेश शंकर विद्यार्थी के सहयोगी थे। उनके जीवन पर स्वामी विवेकानन्द रामतीर्थ और गांधीजी के विचारों का गहरा प्रभाव था। जेल यात्राओं में स्वाध्याय से उन्होंने विविध विषयों का पर्याप्त ज्ञान प्राप्त कर लिया था। मोतीलाल नेहरू और जवाहरलाल नेहरू से उनका निकट का सम्बन्ध था।
राज्य सभा सदस्य
उमाशंकर दीक्षित कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य और कोषाध्यक्ष थे। वे कुछ वर्षों तक 'नेशनल हेराल्ड' आदि पत्रों के प्रबंध संचालक भी रहे थे। तदुपरान्त वे राज्य सभा के सदस्य चुन लिए गए। उनको केंद्र सरकार में नगर निर्माण स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, यातायात और गृहमंत्री का पदभार सौंपा गया। उमाशंकर दीक्षित जी पहली बार 26/04/1961 से 02/04/1964 तक तथा 03/04/1964 से 02/04/1970 तक दूसरी बार तथा 03/04/1970 से 02/04/1976 तक तीसरी बार राज्यसभा सदस्य रहे।
राज्यपाल
कर्नाटक के राज्यपाल - 1976 से 1977 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल - 1984 से 1986 तक
निधन
उमाशंकर दीक्षित का निधन 90 वर्ष की आयु में 30 मई, 1991 को नई दिल्ली में हुआ।