भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन

5 दिसंबर, 2023 विज्ञान समाचार

  • Posted on: 5 December 2023
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भारतीय वैज्ञानिकों ने एक नई विधि विकसित की है जो प्लास्टिक के कचरे को मिट्टी में कम समय में अपघटित कर सकती है। इस विधि में, प्लास्टिक को एक विशेष प्रकार के बैक्टीरिया के साथ मिलाया जाता है, जो इसे जल्दी से तोड़ देता है।

चीनी वैज्ञानिकों ने एक नई प्रकार की सौर सेल विकसित की है जो पारंपरिक सौर सेलों की तुलना में अधिक कुशल है। यह सेल 27.5% तक ऊर्जा को विद्युत में परिवर्तित कर सकता है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन

  • Posted on: 26 August 2023
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO, इसरो) भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है जिसका मुख्यालय कर्नाटक राज्य के बंगलौर में है। संस्थान का मुख्य कार्यों में भारत के लिये अंतरिक्ष सम्बधी तकनीक उपलब्ध करवाना व उपग्रहों, प्रमोचक यानों, साउन्डिंग राकेटों और भू-प्रणालियों का विकास करना शामिल है। 1962 में एक समिति जिसका नाम 'अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय समिति' (इनकोस्पार) के रूप में इसकी स्थापना की गई थी। परंतु 15 अगस्त 1969 को एक संगठन के रूप में इसका पुनर्गठन किया गया और इसे वर्तमान नाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) कहकर बुलाया जाने लगा।

चंद्रयान-3

  • Posted on: 23 August 2023
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चंद्रयान-3 चांद पर खोजबीन करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा तैयार किया गया तीसरा चंद्र मिशन है। इसमें चंद्रयान-2 के समान एक लैंडर और एक रोवर है, लेकिन इसमें ऑर्बिटर नहीं है।

चंद्रयान-2

  • Posted on: 23 August 2023
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चंद्रयान-२ या चंद्रयान द्वितीय, चंद्रयान-1 के बाद चन्द्रमा पर खोजबीन करने वाला दूसरा अभियान है, जिसे इसरो ने विकसित किया है। अभियान को जीएसएलवी मार्क 3 प्रक्षेपण यान द्वारा प्रक्षेपित (लॉन्च) किया गया। इस अभियान में भारत में निर्मित एक चंद्र ऑरबिटर, एक रोवर एवं एक लैंडर शामिल हैं। इन सब का विकास इसरो द्वारा किया गया है। भारत ने चंद्रयान-2 को 22 जुलाई 2019 को श्रीहरिकोटा रेंज से भारतीय समयानुसार दोपहर 02:43 बजे सफलता पूर्वक प्रक्षेपित किया।

चंद्रयान -1 मिशन

  • Posted on: 21 August 2023
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चन्द्रयान (अथवा चंद्रयान-1) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के अंतर्गत चंद्रमा की तरफ कूच करने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष यान था। इस अभियान के अन्तर्गत एक मानवरहित यान को 22 अक्टूबर, 2008 को चन्द्रमा पर भेजा गया और यह 30 अगस्त, 2009 तक सक्रिय रहा। यह यान ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन यान (पोलर सेटलाईट लांच वेहिकल, पी एस एल वी) के एक संशोधित संस्करण वाले राकेट की सहायता से सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपित किया गया। इसे चन्द्रमा तक पहुँचने में 5 दिन लगे पर चन्द्रमा की कक्षा में स्थापित करने में 15 दिनों का समय लग गया। चंद्रयान ऑर्बि