भारत

महाराणा कुम्भा

महाराणा कुम्भा या महाराणा कुम्भकर्ण (मृत्यु 1468 ई.) सन 1433 से 1468 तक मेवाड़ के राजा थे। भारत के राजाओं में उनका बहुत ऊँचा स्थान है। उनसे पूर्व राजपूत केवल अपनी स्वतंत्रता की जहाँ-तहाँ रक्षा कर सके थे। कुंभकर्ण ने मुसलमानों को अपने-अपने स्थानों पर हराकर राजपूती राजनीति को एक दोहरा रूप दिया। इतिहास में ये 'राणा कुंभा' के नाम से अधिक प्रसिद्ध हैं। महाराणा कुम्भा को चित्तौड़ दुर्ग का आधुनिक निर्माता भी कहते हैं क्योंकि इन्होंने चित्तौड़ दुर्ग के अधिकांश वर्तमान भाग का निर्माण कराया।

महाराणा मोकल सिंह

राणा मोकल मेवाड़ के राणा लाखा तथा ( मारवाड़ की राजकुमारी ) रानी हंंसाबाई केे पुत्र थे।

महाराणा मोकल सिंह मेवाड़ साम्राज्य के महाराणा थे। वह महाराणा लाखा सिंह के पुत्र थे, अपने पिता की तरह, महाराणा मोकल एक उत्कृष्ट निर्माता थे। उन्होंने न केवल अपने पिता लाखा द्वारा शुरू किए गए भवनों को पूरा किया, बल्कि कई नए भी बनवाए। समाधिश्वर का मंदिर जो की भोज परमार द्वारा निर्मित था, उसकी मरम्मत महाराणा मोकल ने करवाई थी जिसे मोकल जी का मंदिर भी कहा जाता है।

महाराणा लाखा सिंह

राणा लाखा ( 1382 ई.- 1421 ई. ) चित्तौड़ मेवाड़ में सिसोदिया राजपूत राजवंश राजा थेे इनके पिता का नाम राणा क्षेत्र सिंह था।

जब राणा लाखा गद्दी पर बैठे,तब मेवाड़ आर्थिक समस्याओं से ग्रसित था, लेकिन लाखा के शासनकाल में ही जावर नामक स्थान पर चाँदी की खान निकल आती है जो की एशिया की सबसे बडी चाँदी की खान है जिससे लाखा की समस्त आर्थिक समस्याएँ हल हो जाती हैं, इसी घटना से राणा लाखा का शासनकाल उन्नति की ओर बढ जाता है |

महाराणा क्षेत्र सिंह

खेता या क्षेत्र सिंह  (निधन 1382) मेवाड़ साम्राज्य के शासक थे। इनके पिता का नाम राणा हम्मीर सिंह था जबकि इनके उत्तराधिकार राणा लखा हुए इन्होंने अजमेर और मांडलगढ़ में शासन किया था।

राणा क्षेत्र सिंह जिन्होंने 1364 ईस्वी से 1382 ईस्वी तक मेवाड़ राज्य शासन किया था क्षेत्र सिंह राणा हम्मीर सिंह की सन्तान थे। इन्होंने अजमेर और मांडलगढ़ पर शासन किया था जबकि मंदसौर और छप्पन पर भी राज काज किया था। उनका निधन एक युद्ध के दौरान 1382 में हो गया था इसके बाद इनके उत्तराधिकारी इनके ही पुत्र राणा लाखा हुए थे।

सिसोदिया (राजपूत)

सिसोदिया गुहिल वंश की उपशाखा है जिसका राजस्थान के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है। राहप जो कि चित्तौड़ के गुहिल वंश के राजा के पुत्र थे शिशोदा ग्राम में आकर बसे जिस से उनके वंशज सिसोदिया कहलाये । सिसोदिया सूर्यवंशी राजपूत हैं।

राहप ने मंडोर के राणा मोकल परिहार को पराजित कर उसका विरद छीना था तब से राहप और उसके वंशजों की उपाधी राणा हुई।

 

भैरोंसिंह शेखावत

भैरोंसिंह शेखावत (23 अक्टूबर 1923 - 15 मई 2010) भारत के उपराष्ट्रपति थे। वे 19 अगस्त 2002 से 21 जुलाई 2007 तक इस पद पर रहे। वे 1977 से 1980, 1990 से 1992 और 1993 से 1998 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री भी रहे। वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य थे।

कृष्ण कान्त

कृष्ण कांत (28 फरवरी 1927 - 27 जुलाई 2002) एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने 1997 से अपनी मृत्यु 2002 तक भारत के दसवें उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। पूर्व में वह 1990 से 1997 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल थे। चंडीगढ़ से लोकसभा (1977-1980) और हरियाणा से राज्यसभा के सदस्य (1966-1972, 1972-1977)

प्रारंभिक जीवन

ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम

अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम (A P J Abdul Kalam) जो मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति नाम से भी जाने जाते हैं भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे। वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता (इंजीनियर) के रूप में विख्यात थे। उन्होंने सिखाया जीवन में चाहें जैसे भी परिस्थिति क्यों न हो पर जब आप अपने सपने को पूरा करने की ठान लेते हैं तो उन्हें पूरा करके ही रहते हैं। अब्दुल कलाम मसऊदी के विचार आज भी युवा पीढ़ी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।

कोच्चेरील रामन नारायणन

कोचेरिल रमन नारायणन  (27 अक्टूबर 1920 - 9 नवंबर 2005)  एक भारतीय राजनेता राजनायिक, अकादमिक और राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने 1992 से 1997 तक भारत के नौवें उपराष्ट्रपति और दसवें 1997 से 2002 तक भारत के राष्ट्रपति।

गोपाल स्वरूप पाठक

गोपाल स्वरूप पाठक (26 फरवरी 1896 - 4 अक्टूबर 1982) अगस्त 1969 से अगस्त 1974 तक भारत के चौथे उपराष्ट्रपति थे।

26 फरवरी 1896 को उत्तर-पश्चिमी प्रांत के बरेली में जन्मे, उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कानून का अध्ययन किया।

डॉ शंकरदयाल शर्मा

डॉ शंकरदयाल शर्मा  (19 अगस्त 1918- 26 दिसंबर 1999) भारत के नवें राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल 25 जुलाई 1992 से 25 जुलाई 1997 तक रहा। राष्ट्रपति बनने से पूर्व आप भारत के आठवे उपराष्ट्रपति भी थे आप भोपाल राज्य के मुख्यमंत्री (1952-1956) रहे तथा मध्यप्रदेश राज्य में कैबिनेट स्तर के मंत्री के रूप में उन्होंने शिक्षा, विधि, सार्वजनिक निर्माण कार्य, उद्योग तथा वाणिज्य मंत्रालय का कामकाज संभाला था। केंद्र सरकार में वे संचार मंत्री के रूप में (1974-1977) पदभार संभाला। इस दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष (1972-1974) भी रहे।

रामस्वामी वेंकटरमण

रामस्वामी वेंकटरमण 4 दिसंबर 1910 - 27 जनवरी 2009) भारत के 8वें राष्ट्रपति थे। वे 1987 से 1992 तक इस पद पर रहे। राष्ट्रपति बनने के पहले वे 4 वर्षों तक भारत के उपराष्ट्रपति रहे। मंगलवार को 27 जनवरी को लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया। वे 98 वर्ष के थे। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत देश भर के अनेक राजनेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने 2:30 बजे दिल्ली में सेना के रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में अंतिम साँस ली। उन्हें मूत्राशय में संक्रमण (यूरोसेप्सिस) की शिकायत के बाद विगत 12  जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे साँस सं

ज्ञानी ज़ैल सिंह

ज्ञानी जैल सिंह  जन्म जरनैल सिंह 5 मई 1916 - 25 दिसंबर 1994 पंजाब के एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने 1982 से 1987 तक भारत के सातवें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। वह पहले सिख थे और किसी पिछड़ी जाति से राष्ट्रपति बनने वाले पहले व्यक्ति।

नीलम संजीव रेड्डी

नीलम संजीव रेड्डी (19 मई , 1913 - 1 जून , 1996) भारत के छठे राष्ट्रपति थे। उनका कार्यकाल 25 जुलाई 1977 से 25 जुलाई 1982 तक रहा। आन्ध्र प्रदेश के कृषक परिवार में जन्मे नीलम संजीव रेड्डी की छवि कवि, अनुभवी राजनेता एवं कुशल प्रशासक के रूप में थी। इनका सार्वजनिक जीवन उत्कृष्ट था। सन 1977 के आम चुनाव में जब इंदिरा गांधी की पराजय हुई, उस समय नव-गठित राजनीतिक दल जनता पार्टी ने इनको राष्ट्रपति का प्रत्याशी बनाया। वे भारत के पहले गैर काँग्रेसी राष्ट्रपति थे। वे अक्टूबर 1956 में आन्ध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बनें और दुसरी बार फिर 1962 से 1964 तक यह पद संभाला। उन

ज़ाकिर हुसैन

डाक्टर ज़ाकिर हुसैन (8 फरवरी, 1897 - 3 मई, 1969) स्वतंत्रता सेनानी एवं भारत के तीसरे राष्ट्रपति तथा प्रथम मुस्लिम राष्ट्रपति थे जिनका कार्यकाल 13 मई 1967 से 3 मई 1969 तक था। डा. ज़ाकिर हुसैन का जन्म 8 फ़रवरी, 1897 ई.

सर्वेपल्लि राधाकृष्णन

डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति (1952 — 1962) और द्वितीय राष्ट्रपति रहे। वे भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक थे। उनके इन्हीं गुणों के कारण सन् 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था। उनका जन्मदिन (5 सितम्बर) भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

 

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